क्या आप जानते है hindi bhasha aur sahitya ka itihas बहुत ही पुराना और गौरवपूर्ण रहा है। प्राचीन इसलिए क्यूंकि इसकी व्याख्या और वर्णन अनंत काल से है, हम आपको बता दे के हिंदी भाषा का इतिहास लगभग एक हज़ार साल से भी अधिक पुराना है। उस समय अपभ्रंश के कई रूप थे और उनमें सातवीं-आठवीं शताब्दी से ही ‘पद्य’ रचना प्रारम्भ हो गयी थी। जो हमें पुराने साहित्यिक जानकारी एवं रचनाएँ मिलती है वो प्रमुख तौर पर है दोहा और इस विषय में अन्य धर्म, नीति, उपदेश आदि प्रमुख हैं।
hindi bhasha aur sahitya ka itihas से संबंधित बहुत से रचनाकार अपने लेखन में नीति, श्रृंगार, शौर्य, पराक्रम आदि के वर्णन से अपनी साहित्य-रुचि का परिचय दिया करते थे। पुरानी अपभ्रंश भाषा और आम बोलचाल हिंदी भाषा में निरंतर उसका देशी प्रभाव बनता गया। हिंदी भाषा को हम वैदिक भाषा के रूप में भी जानते है, और एक महत्वपूर्ण बात आपको यह भी बता दे के प्रारम्भ में हिंदी भाषा का उपयोग विदेशी मुसलमानों ने किया था। जिससे उनका तात्पर्य था “भारतीय भाषा” अर्थार्थ हिंदी भाषा।

हिंदी भाषा और साहित्य का वस्तुनिष्ठ इतिहास
हिंदी भाषा ( hindi bhasha aur sahitya ka itihas) में रूचि रखने वाले केवल भारत में ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण विश्व में है, अगर हम केवल भारत की बात करें तो यहाँ 422,048,642 लोग हिंदी भाषा बोलने वाले है। इसके अलावा अगर अन्य देश की बात करे तो सबसे अधिक नेपाल (Nepal) में 8,000,000 अमेरिका (US) में लगभग 649,000 से अधिक, मॉरीशस (Mauritius) में 450,000 तो वही फिजी (Fiji) में 380,000 से भी अधिक है और इसके अलावा भी बहुत से अन्य देश है जहां बहुत अधिक मात्रा में हिंदी भाषा का उपयोग किया जाता है।
Hindi Bhasha Aur Sahitya Ka Itihas Avem prashidh Lekhan
हिंदी भाषा और साहित्य का इतिहास प्राचीन के साथ साथ काफी गौरवपूर्ण भी रहा है, गौरवपूर्ण इसलिये भी क्यूँकि इस भाषा का प्रयोग वैदिक काल से चलता आ रहा है, और यह वैदिक भाषा के रूप में भी जाना जाता है। अब अगर हम बात करे hindi bhasha aur sahitya ka itihas और इसके प्रसिद्ध लेख, उपन्यास एवं अन्य रचनाओं और रचेता की तो कुछ प्रमुख रचनाएँ इस प्रकार से है:-
गोदान : गोदान एक प्रसिद्ध रचना है जो के मुंशी प्रेमचंद के द्वारा की गयी है, यह मुंशी प्रेमचंद की अंतिम महत्वपूर्ण उपन्यास है यह लोगों के बीच काफी फेमस है और आज भी इसकी प्रशंसा की जाती है।
मैला आंचल: 1964 का प्रकाशित हुआ यह सबसे अधिक लोकप्रिय लेखन में से एक है जो के फणीश्वरनाथ ‘रेणु के द्वारा लिखा गया है, यह सामाजिक, राजनीतिक, व्यक्तिगत, आर्थिक परिदृश्य का ग्रामीण संस्करण है।
राग दरबारी: श्रीलाल शुक्ल द्वारा लिखा गया लोकप्रिय उपन्यास 1968 में प्रकाशित हुआ था यह प्रसिद्ध व्यंग्य रचना है जिसके लिए उन्हें 1970 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
चित्रलेखा: चित्रलेखा भगवतीचरण वर्मा द्वारा रचित उपन्यास है जो के सन् 1934 में प्रकाशित हुआ था यह उपन्यास हिंदी के अलावा अन्य कई भाषाओं में अनुवादित किया गया है, जिसके कारण यह बहुत लोकप्रिय हुआ।
इस शीर्षक का सारांश hindi bhasha aur sahitya ka itihas
तो आज आपने इस महत्वपूर्ण टॉपिक hindi bhasha aur sahitya पर जाना के हिंदी भाषा एवं उसके कुछ महत्वपूर्ण रचनाएं जो के हमारे विभिन्न और प्रसिद्ध लेखकों द्वारा लिखी एवं प्रकाशित की गयी है। आपने जाना कि हिंदी भाषा को वैदिक भाषा क्यों कहा जाता है और यह क्यूँ प्राचीनतम भाषा में से एक है। तो में आशा करता हु के हमारा आज का ये ज्ञान आपके सभी सवालों को हिंदी भाषा और साहित्य का इतिहास के बारे में उपयोगी रहा होगा और आपको काफी पसंद आया होगा।
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