Share With Your Friends

The Elephant and The Tailor Story in Hindi

Elephant and Tailor Story in Hindi – जानकी पुर में एक बाबू राव रहता था, बाबू राव जी ने कई सालों तक कपड़े सिले और इसी काम में उन्होंने काफी नाम कमाया। उनका चुन्नू नाम का एक बेटा था, वह एक बहुत ही शरारती बच्चा था। उसी गाँव में एक हाथी था जो जानकी नगर में रहता था और उसका नाम बाहुबली था। वह हाथी रोज़ गाँव से गुजर था और फिर झील में जाकर स्नान किया करता था, उस गाँव के लोग बाहुबली से बहुत प्यार करते थे और और गांव के लोग उस हाथी को खाने के लिए बहुत से फल दिया करते थे और बदले में वह सबको आशीर्वाद दिया करता था। बाहुबली को बाबू राव रोज केले खिलाता था और वो बाबू रओ को आशीर्वाद देता था।

हाथी और दरजी की कहानी का महत्पूर्ण भाग

एक दिन बाबू राव ने अपने पुत्र से कहा, बेटा चुन्नू में काम से बाहर जा रहा हु, घर पर संभल कर रहना शरारत बिल्कुल मत करना बहुबली आ जाये तो ये केले उसे खिला देना, समझ गया, ये कहकर वो वह से चला गया। 

तब चुन्नू ने कहा के ये केले फिर से बाहुबली को देणे है, क्यूँ  दू रोज़ रोज़ वही खायेगा क्या, गांव वाले को और कोई काम है ही नहीं, रोज़ उसको खिला खिला के मोटा कर रहे है, आज आने दो बताता हु उसे में ऐसा सबक सिखाऊंगा के वो यहाँ वापस आयेगा ही नहीं, ये बोलके उसने सरे केले खा लिए।

इतने में बाहुबली वहा आया और उसने अपना सूंढ़ आगे किया, चुन्नू ने कहा आ जाओ आ जाओ, तेरे लिए ही बैठा था में तुझे, रोज़ केले खिलाते रहु में क्या मेरे बापू के तरह पागल हूँ अभी मज़ा चखाता हूँ उसने एक सुई ली और जोर से उसके सूंढ़ में चुभा दिया। बेचारा बाहुबली चिल्लाता हुआ वह से चला गया, फिर वो तालाब के पास गया और नहाने लग गया, पर उसे बहुत दर्द हो रहा था तो वो जोर जोर से चिल्ला भी रहा था कुछ देर बाद उसका दर्द कम हो गया पर उसे बहुत गुस्सा भी आ रहा था।

Elephant and Tailor Story in Hindi
Elephant and Tailor Story in Hindi

Elephant and Tailor Story in Hindi Hathi Ka Gussa

हाथी: उसे तो सबक सिखाना ही पड़ेगा…………!!!!!

फिर उसने अपने सूंढ़ में कीचड़ वाली  पानी भरी और वह से चल दिया, फिर वो आके चुन्नू के आंगन में खड़ा हो गया चुन्नू ने कहा क्या बात है फिर आ गए अभी भी सबक सिखा नहीं, फिर से चुभाउ क्या सुई? उसने मज़ाकिये अंदाज़ में कहा, तब बाहुबली ने अपने सूंढ़ में से सारा कीचड़ वाला पानी उसके ऊपर डाल दिया चुन्नू और उसके दुकान का सारा सामान कीचड़ कीचड़ हो गया और सारा आँगन गन्दा हो गया, फिर बाहुबली वह से चला गया।

इतने में बाबू राव वापिस आया और उसने पूछा, ये क्या हुआ सब कुछ इतना गंदा कैसे हो गया? तब चुन्नू ने सारी बात पापा को बताई, बाबू राव ने कहा बहुत बड़ी गलती करी तूने गूँगे प्राणी से इस तरह का बर्ताव बहुत गलत बात है चल अभी चल के माफ़ी मांग श से, हाथी से चुन्नू ने कहा मुझे माफ़ कर दो दोस्त, मेने बहुत बड़ी गलती करी मैंने जान लिया गूँगे जंतुओं से इस तरह का बर्ताव नहीं करते।

किर्पिया ये प्रशिद्ध कहानी भी पढ़े ➜ Kachua Aur Khargosh Ki Kahani in Hindi

में फिर कभी ऐसे नहीं करूँगा आज से तुम और में दोस्त फिर उसने बाहुबली को केले दिए बाहुबली ने केले बहुत आनंद से खाये। और चुन्नू को आशीर्वाद दिया, उस दिन से चुन्नू और बाहुबली बहुत अच्छे दोस्त बन गए।

Moral Of The Elephant and Tailor Story

Elephant and Tailor Story in Hindi – तो इस कहानी का सारांश यही है के हमें कभी भी गूँगे जंतुओं को तकलीफ नहीं देना चाहिए, हमें सदैव अपने आस पास के जानवरों को प्यार और आदर के साथ पेश आना चाहिए। जितनी तकलीफ हमें होती है उतनी ही तकलीफ उन जानवरों को भी होती है। हमें खुद से अपने आस पास के भूखे जानवरों के लिए भोजन और प्यासे पक्षियों के लिए पानी का इंतज़ाम करना चाहिए।

Read All Related Articles Here


Share With Your Friends
Show 2 Comments

2 Comments

  1. Aman Kumar

    Wow I mean I love this story This is one of the best stories I have ever read thanks.

  2. Navina Sen

    Because I have heard this story in my childhood from my grandparents so, yes this was quite interesting and the way you present it was just brilliant.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *